अपनी नौकरी से प्रेम करें, पर अपनी कम्पनी को नहीं। क्योंकि आप नहीं जानते कि आपकी कम्पनी कब आपसे प्रेम करना बंद कर देगी।
अपने कार्यस्थल को हमेशा समय पर छोड़ें।
कार्य हमेशा चलती रहने वाली एक प्रक्रिया है। ये कभी पूर्ण नहीं हो सकती।
ग्राहक का लाभ महत्वपूर्ण है, आपका परिवार भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
अगर कभी आप गिर जायें तो आपका बॅास/मैनेजर/मालिक या आपका ग्राहक आपकी मदद के लिए आगे नहीं आयेंगे; लेकिन आपका परिवार और आपके मित्र आपको जरूर सम्भालेंगे।
जीवन केवल काम, ऑफिस या ग्राहक तक ही सीमित नहीं है। जीवन में और भी बहुत कुछ है। आपको समाजवादी होने के लिए, मनोरंजन के लिए, आराम के लिए और व्यायाम के लिए समय की आवश्यकता है। जीवन को लक्ष्य रहित न जीयें।
एक व्यक्ति जो अपने ऑफिस में देर तक काम करता है वह मेहनती कर्मचारी नहीं है। इसके बजाये वह मूर्ख है जो यह नहीं जानता कि काम को निर्धारित समय में कैसे पूरा किया जाये। वह अपने कार्य में अयोग्य एवम् अप्रभावशाली है।
आप जीवन में पढ़ाई-लिखाई या मेहनत मशीन बनने के लिए नहीं करते।
अगर आपका बॅास/मैनेजर/मालिक आपको देर तक काम करने के लिए कहता है तो वह अयोग्य और अप्रभावशाली है और वह लक्ष्य विहीन जीवन बिता रहा है। यह लेख उस तक पहुँचायें।
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