Monday, June 23, 2014

प्रेरणादायक लेख - गलतियों से किस तरह सीखें?


सम्पादिका की टिप्पणी - कुछ समय पहले हमने आखिर’ में एक कहानी प्रकाशित की थी - गलतियों से सीखना। इसे काफी लोगों ने पसंद किया। इस कहानी में हमने आपसे वादा किया था कि जल्द ही एक लेख प्रकाशित करेंगे कि गलतियों से किस तरह सीखा जाये। सो अपने वादे को पूरा करते हुए हम यह लेख प्रकाशित कर रहे हैं। कृपया अपने विचारों-सुझावों से अवश्य अवगत करवायें।



हम सभी से जीवन में कभी न कभी कोई न कोई गलती होती रहती है। चाहे यह गलती छोटी हो या बड़ी पर हर दिन हम कुछ न कुछ गलत तो करते ही हैं।

कोई भी गलतियां करना पसंद नहीं करता। लेकिन एक पुरानी कहावत है कि इसांन गलतियों का पुतला होता है।

भले ही आप कोई गलती खुद ना करना चाहें, लेकिन फिर भी आप से हर दिन कोई न कोई गलती अवश्य होती है। कुछ गलतियां छोटी हो सकती हैं और कुछ बहुत बड़ी और गम्भीर गलतियां हो सकती हैं। लेकिन होती अवश्य हैं।

हालांकि आप गलतियों से बच तो नहीं सकते, लेकिन आप उनसे सबक हासिल कर सकते हैं और उन्हें कम अवश्य कर सकते हैं। अगर आप गलतियों से सही तरह से सबक हासिल कर लें, तो गलतियां आपको सही दिशा में ले जा सकती हैं।

गलतियां स्व-विकास का एक अनिवार्य अगं हैं। इसलिए गलती होने पर शर्मिंदा या दुःखी मत होईये, बल्कि यह देखिये कि आप उस गलती से क्या और कैसे सीख ले सकते हैं और किस तरह बेहतरीन व्यक्ति बन सकते हैं।

यहां कुछ सुझाव दिये गये हैं जो गलतियों से सीखने में आपकी बहुत अधिक मदद करेंगे –

1. गलती के लिए स्वयं को दण्ड ना दें :

बहुत से लोग कोई गलती हो जाने पर अपराधबोध से ग्रस्त हो जाते हैं और फिर हीन-भावना के शिकार हो कर जीवन विकास से दूर हो जाते हैं। अपराधबोध की भावना और हीन-भावना एक व्यक्ति के जीवन के विकास का मार्ग अवरूद्ध कर देती हैं।

कोई लोग गलती होने पर अपना मार्ग ही बदल लेते हैं या रूक जाते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति अपने व्यवसाय में कोई गलती कर बैठता है तो वह व्यवसाय को ही छोड़ने का निर्णय कर लेता है। कभी भी स्वयं को इस तरह का दण्ड ना दें।

यह ठीक है कि गलतियां खतरे से भरी होती हैं, पर ध्यान रखिये कि जितना अधिक खतरा होता है उतना ही अधिक लाभ का अवसर भी होता है। गलती होने पर लाभ के अवसर देखें।

क्या आपको याद है जब आपने साईकिल चलाना सीखना शुरू किया था तो क्या हुआ था? क्या आप बिना गलती किये साईकिल चलाना सीख गये थे? नहीं। आपने गिरने का खतरा उठाते हुए साईकिल चलाना सीखना जारी रखा। अगर आप गिरे तो आपने उससे सबक हासिल किया। इसका परिणाम क्या हुआ - आप साईकिल चलाना सीख गये। इस उदाहरण को व्यवसाय और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में याद रखें और गलतियों को विकास और सफलता का माध्यम बनायें।

2. गलती को स्वीकार करें और गलती के लिए विनम्रता से क्षमा मांगें :

अगर आपकी गलती से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर किसी को दुःख अथवा नुक्सान पहुंचा है तो क्षमा मांगना बहुत महत्वपूर्ण है। आपको यह स्पष्ट करना चाहिये कि जो भी हुआ वह एक हादसा था और आप इस बात का ध्यान रखेंगे कि यह दोबारा नहीं होगा।

अगर आप क्षमा मांगने से डरेंगे, शर्मिंदा नहीं होंगे या दिल से क्षमा नहीं मांगेंगे तो जिसके प्रति आपसे गलती हुई होगी वह इसे हमेशा अपने दिल में रखेगा और आपके खिलाफ रहेगा। क्षमा न मांगने की वजह से आपकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँच सकती है।

अगर आप दिल से क्षमा मांगते हैं तो लोग आपको क्षमा करना पसंद करेंगे। पर ध्यान रखें कि बार-बार क्षमा प्रार्थना न करें। गम्भीरता के साथ एक ही बार क्षमा मांगना पर्याप्त है। सही ढंग से क्षमा मांगने से लोगों का आपके प्रति विश्वास पुनः दृढ़ हो जायेगा।

3. पूर्णतावादी न बनें :

किसी भी व्यक्ति के लिए पूरी तरह पूर्णतावादी बनना सम्भव नहीं है। अगर आप गलतियां करने से डरते हुए अपना जीवन बितायेंगे तो आप जीवन में थोड़ा-बहुत ही हासिल कर पायेंगे और वो भी बहुत मुश्किल से।

ध्यान रखें कि गलतियां की नहीं जातीं, बल्कि हो जाती हैं। अगर आप यह सोचते हैं कि आप गलतियों से दूर रहेंगे तो आप अपने आप को बहुत सीमित कर लेंगे।

4. गलतियों को सही सिद्ध करने में समय नष्ट ना करें :

हमारी यह आदत होती है कि हम अपने कार्यों को सही सिद्ध करना चाहते हैं। अधिकतर हम अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देते हैं। कभी-२ कोई गलती होने पर हम यह भी कहते हैं कि ये तो होना ही था, मैं इसे रोक ही नहीं सकता था। उदाहरण के लिए जब हमें नौकरी से निकाल दिया जाता है तो हम कहते हैं - “ना तो ये नौकरी ठीक थी और ना ही मेरा बास।” जबकि हम आसानी से उन छुटि्टयों को भूल जाते हैं जो हमने बिना बताये ली थीं।

यह कुछ और नहीं बल्कि हमारा अहम है, जिसे पुष्ट करने के लिए हम अपनी गलतियों को सही सिद्ध करने की कोशिश करते हैं। ध्यान रखिये दूसरों को हमारे स्पष्टीकरण में कोई रूचि नहीं है। अपनी गलती स्वीकार करने और माफी मांगने में कोइ बुराई नहीं है।

5. यह समझिये कि गलती क्यों हुई और गलती को दोहरायें नहीं :

एक व्यक्ति बहुत से कारणों के चलते गलती कर सकता है। गलती का दोहराव रोकने के लिए आपको कारणों को समझना चाहिये।

कारण को समझने के लिए अपने आप से अधिक से अधिक प्रश्न पूछें।

हो सकता है कि आप तनाव, अनिद्रा अथवा कम नींद, या फिर अपनी कुछ बुरी आदतों के कारण बार-बार गलतियां करते हों। अगर ऐसा है तो शीघ्र अति शीघ्र अपने डाक्टर से मिलें।

इस बात का खास ध्यान रखें कि अपनी गलतियों का विवेचन करते हुए आप अपराधबोध से ग्रस्त न हो जायें। बल्कि, विवेचन करते हुए आप गलतियों से सबक हासिल करें। सावधानीपूर्वक किये गये विवेचन के सतत प्रयासों से आप बहुत सी गलतियां करने से बच सकते हैं।

6. गलतियां सीखने का अवसर देती हैं, इस अवसर को जाने न दें :

असफलता की तरह आप गलतियों से भी बहुत से सबक हासिल कर सकते हैं। गलतियों के कारण आये अवसरों को व्यर्थ न जाने दें।

आप अपनी गलतियों से अपना ज्ञान-वर्द्धन कर सकते हैं और स्व-विकास की दर को बढ़ा सकते हैं। मुख्य बात यह है कि गलतियों को विकास का माध्यम समझें।

लेखक - विपिन कुमार शर्मा ‘सागर’, दिनांक - 23 जून 2014

2 comments:

  1. सही कहा आपने. इंसान को ग़लतियों से हार न मानकर, ग़लतियों से सीखकर की आगे बढ़ना होता है .

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