Saturday, October 4, 2014

स्वच्छ भारत : एक अभियान


प्रधानमन्त्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 3 अक्तूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान का शुभारम्भ किया गया।
श्री मोदी जी के अनुसार ये अभियान राजनीती से नहीं बल्कि देश भक्ति से प्रेरित है।
प्रधानमन्त्री महोदय ने देश को साफ़ रखने में किसी भी तरह के पूर्व में किये कार्यों की प्रशंसा की और देश के प्रत्येक नागरिक को पूरे देश को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित किया।
मैं श्री मोदी जी के इस कार्य को देश भक्ति के साथ साथ मानवता से भी प्रेरित मानता हूँ।
माननीय मोदी जी ने कुछ सूत्र दिए हैं : अगला चित्र देखें


इन सूत्रों को पढ़ने के लिए दैनिक जागरण देखें।
पर क्या ये 10 सूत्रीय कार्यक्रम सफल हो पायेगा? जैसा पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांत चावला जी का कहना है अगर वैसा हुआ तो सच में ये कार्यक्रम असफल हो जाएगा।


प्रो. लक्ष्मीकांत चावला जी का कहना है कि ये अभियान केवल फोटो खिंचवाने तक ही सीमित ना रह जाए। बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ वर्ष में एक दिन भी कोई सफाईकर्मी नहीं पहुँचता। ऐसे बहुत से स्थान हैं जहाँ चूहे और मच्छर भरे पड़े हैं, ऐसे स्थानों की भी सुध ली जाये।
एक सूत्र के डी परिवार की ओर से : हमें अपनी आदतों और व्यवहार में बहुत बड़ा परिवर्तन लाना होगा। साफ़ सफाई से सम्बन्धित आदतों में हमें बदलाव करना होगा।
हम फलों, मूंगफलियों के छिलके, टॉफ़ी - चिप्स - चाकलेट आदि के खाली पैकेट और खाली बोतलें हम जहाँ तहां फैंकने के आदी हैं। हमें ये आदत बदलनी होगी।
क्या हम अपने घर में भी ऐसा ही करते हैं?
क्या हम अपने घर में केला या मूंगफलियां खा कर छिलके ऐसे ही इधर उधर फेंकते हैं? अगर नहीं तो घर से बाहर होने पर हम ऐसा क्यों करते हैं? अगर हम अपने घर में कूड़ा फैलाना पसंद नहीं करते तो घर से बाहर कूड़ा क्यों फैलाते हैं?
प्रधानमन्त्री जी के इस "स्वच्छता अभियान" को हमारे और आपके सहयोग के बिना पूरा नहीं किया जा सकता।
मेरे ख्याल से श्री मोदी जी के इस कार्य को सभी ने पसंद किया होगा। पर क्या सभी आज से ही गंदगी फैलाना बंद कर देंगे? क्या ये उम्मीद की जा सकती है कि कल सुबह जब सडकों पर जायेंगे तो सडकें साफ़ मिलेंगी? क्या हम घर से बाहर भी घर की तरह ही साफ़ सफाई रखने में सहयोग देंगे?
अगर हाँ तो मेरा यकीन मानिए हम अपने देश को भी उतना ही खुबसूरत बना लेंगे जितने हम सब के घर हैं।
हममें से जो लोग बाहर देश जा के आते हैं वो बाहर के देशों की सफाई और सुन्दरता के गुण गाते हैं। आओ मिलकर अपने देश को इतना स्वच्छ और सुंदर बनायें कि बाहर देश से आये लोग हमारे गुण गायें।
इसके अलावा जिन क्षेत्रों में लोग गंदगी में रहते हैं उन स्थानों पर बार-2 जा कर उन लोगों को गंदगी को साफ करने और गंदगी ना फ़ैलाने के लिए प्रेरित किया जाये। उन्हें समझाया जाये कि अगर उनके क्षेत्र में सफाईकर्मी नहीं आता तो वे खुद सफाई करें। क्योंकि सफाईकर्मी के ना आने से नुकसान सफाईकर्मी का नहीं बल्कि लोगों का ही होता है।
के डी परिवार पिछले 8 वर्षों से झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को स्वच्छ रहने की प्रेरणा दे रहा है। आप अपने क्षेत्र में ऐसे स्थानों की तलाश करें और वहां रहने वाले लोगों को सफाई हेतू प्रेरित करें।
आओ संकल्प लें, जैसा कि "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" की टीम ने कहा - "आज से ना तो खुद गन्दगी फैलायेंगे और ना ही किसी को फ़ैलाने देंगे"।
जय हिन्द! जय भारत!
शुभेच्छाओं के साथ के डी परिवार
(चित्र साभार दैनिक सवेरा)

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