गाँधी जयंती की हार्दिक बधाई के साथ गाँधी जी के शिक्षा सम्बन्धी कुछ विचार गौर फरमाएं।
1) शिक्षा में हृदय की शिक्षा यानि चरित्र के विकास को पहला स्थान मिलना चाहिए।
2) चरित्र सफलता की बुनियाद है। अगर बुनियाद मजबूत हो तो अवसर मिलने पर दूसरी बातें किसी की मदद से या खुद भी सीखी जा सकती हैं।
3) शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को चरित्र का ज्ञान तभी मिल सकता है जब शिक्षक स्वयं चरित्रवान होंगे।
4) साधारण चरित्र वाले शिक्षक के हाथ में कभी भी बच्चों को नहीं सौंपना चाहिये। शिक्षक में अक्षर ज्ञान भले ही थोड़ा हो पर उसमें चरित्र बल तो ज़रूर ही होना चाहिये।
मोहनदास करमचंद गाँधी, मेरे सत्य के साथ प्रयोग की कहानी पुस्तक से
द्वारा के डी'स विपिन कुमार शर्मा
No comments:
Post a Comment