आजकल सफलता शब्द बहुत ज्यादा सुनाई देता है। संसार बहुत ज्यादा कम्पीटीटिव हो गया है।
मनुष्य जीवन में प्रतियोगिताएं छोटी उम्र में ही शुरू हो जाती हैं। मैंने कहीं पढ़ा था कि एक बच्चा जब अपने पैर का अंगूठा मुंह में लेने का प्रयास करता है, वहीं से आरम्भ होता है सारा जीवन चलने वाला उसका अंतहीन संघर्ष।
अब अगर जीवन में संघर्ष है, प्रतियोगिताएं हैं और चारों तरफ कम्पीटीशन है तो विजय यानि सफलता के प्रति मनुष्य की उत्सुकता स्वाभाविक ही है।
इसी सफलता की चाह में मनुष्य गुरु और ज्ञान की तलाश करता है।
सफलता के अनेकानेक गुरुओं का ज्ञान आज सहज ही उपलब्ध है। आज बहुत सारी पुस्तकें केवल "सफलता" विषय पर ही प्रकाशित हो रही हैं। कागज़ की पुस्तकों के अलावा ई-बुक्स और ऑडियो बुक्स के रूप में इंटरनैट पर सहज ही उपलब्ध है। इंटरनैट पर बहुत सा ज्ञान तो नि:शुल्क उपलब्ध है। जिसे आप अपने कम्प्यूटर या मोबाईल पर कुछ ही सैकेंड्स में डाउनलोड कर सकते हैं।
बुक बून एक इसी तरह की वैब साईट है। इस साईट से आप अपने काम की बहुत सी पुस्तकें बिल्कुल फ्री डाउनलोड कर सकते हैं।
सफलता के ज्ञान की पहचान कैसे करें?
सफलता का यह ज्ञान दो तरह का है। एक ज्ञान तो केवल साहित्यिक है। यह उपदेश के रूप में है जो सफलता हेतू दर्शन ज्ञान प्रदान करता है। सफलता की इच्छा रखने वाले के लिये ये ज्ञान काम का है।
लेकिन सफलता के लिये केवल साहित्यिक ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान की भी आवश्यकता है।
सफलता का ये व्यवहारिक ज्ञान आसानी से उपलब्ध नहीं है।
ये ज्ञान या तो किसी मेंटर से मिल सकता है या पूर्व में सफलता हासिल कर चुके किसी अनुभवी व्यक्ति से।
निश्चित ही सफलता का ये व्यवहारिक ज्ञान पुस्तकों में भी है, परन्तु ये किन पुस्तकों में हैं यह ज्ञान भी किसी मेंटर या अनुभवी व्यक्ति से ही मिल पायेगा।
अगर आप सफलता की तलाश में हैं और इसके लिये मेंटर या अनुभवी लोगों की मदद लेना चाहते हैं तो
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