Friday, November 7, 2014

क्या है सफलता - एक चर्चा

लेखिका - नीना दयाल

(नीना दयाल एक लाइसेंस्ड लाइफ़ सक्सेस सलाहकार, बिजनेस और पर्सनल कोच, कैपेबिलिटी बिल्डिंग एक्सपर्ट, मेंटल रेसिलिएंस* स्पेशलिस्ट, मैनेजमेंट कन्सल्टेंट और लेखिका हैं। आप सीक्रेट पुस्तक व फिल्म में दिखाये गये और मानवीय क्षमता को बढ़ाने में माहिर श्री बॉब प्रॉक्टर से प्रशिक्षित हैं।



आप लम्बे समय से बहुत सी राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियों के लिये प्रशिक्षण दे रही हैं।

नीना जी की कम्पनी सक्सेस सिनर्जी इंटरप्राइजेज कॉर्पोरेट और पब्लिक श्रोताओं के लिये हर वर्ष बहुत से इवेंट्स करती है।

नीना जी के डी परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और के डी परिवार में अपने ज्ञान व अनुभव को साधारण जन के साथ शेयर कर रही हैं। इस लेख को भेजने के लिए के डी परिवार नीना जी का हार्दिक धन्यवाद करता है।

इस लेख के माध्यम से नीना जी आपको आमंत्रित कर रही हैं, सफलता के आपके मानक आदर्शों पर चर्चा करने के लिये। इस चर्चा में शामिल हों और अपनी सफलता की दिशा में ठोस कदमों के साथ आगे बढ़ें।)



क्या है सफलता - एक चर्चा

अपने मान्य आदर्शों की ओर प्रगतिशील रहना ही "सफलता" है।
अर्ल नाईटएंगल

आइये इस पर चर्चा करें -



सफलता की व्याख्याओं में ऊपर दी गई व्याख्या सबसे अधिक संतुष्टि देने वाली मानी जाती है, जो प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होती है। अर्ल ने 1959 में 17 वर्षों के अपने गहन शोध के बाद यह व्याख्या दी। पूरी दुनिया में बहुत से माहिर लोग आज भी सफलता का विवरण देते समय इस व्याख्या का उपयोग करते हैं।

साधारण तर्क यही कहता है कि किसी चीज़ के होने से पहले आपका उसको जानना जरूरी है।

इसलिये मान्य आदर्श की ओर प्रगतिशील होने से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि "आपका मान्य आदर्श आखिर' है क्या?"

आप सभी मित्रों से निवेदन है कि कृपया इस चर्चा में भाग लें और बतायें कि आपका सफलता का मान्य आदर्श क्या है?

अनुवादक - विपिन कुमार शर्मा

Thursday, November 6, 2014

सफलता का ज्ञान





आजकल सफलता शब्द बहुत ज्यादा सुनाई देता है। संसार बहुत ज्यादा कम्पीटीटिव हो गया है।

मनुष्य जीवन में प्रतियोगिताएं छोटी उम्र में ही शुरू हो जाती हैं। मैंने कहीं पढ़ा था कि एक बच्चा जब अपने पैर का अंगूठा मुंह में लेने का प्रयास करता है, वहीं से आरम्भ होता है सारा जीवन चलने वाला उसका अंतहीन संघर्ष।

अब अगर जीवन में संघर्ष है, प्रतियोगिताएं हैं और चारों तरफ कम्पीटीशन है तो विजय यानि सफलता के प्रति मनुष्य की उत्सुकता स्वाभाविक ही है।

इसी सफलता की चाह में मनुष्य गुरु और ज्ञान की तलाश करता है।

सफलता के अनेकानेक गुरुओं का ज्ञान आज सहज ही उपलब्ध है। आज बहुत सारी पुस्तकें केवल "सफलता" विषय पर ही प्रकाशित हो रही हैं। कागज़ की पुस्तकों के अलावा ई-बुक्स और ऑडियो बुक्स के रूप में इंटरनैट पर सहज ही उपलब्ध है। इंटरनैट पर बहुत सा ज्ञान तो नि:शुल्क उपलब्ध है। जिसे आप अपने कम्प्यूटर या मोबाईल पर कुछ ही सैकेंड्स में डाउनलोड कर सकते हैं।

बुक बून एक इसी तरह की वैब साईट है। इस साईट से आप अपने काम की बहुत सी पुस्तकें बिल्कुल फ्री डाउनलोड कर सकते हैं।


सफलता के ज्ञान की पहचान कैसे करें?

सफलता का यह ज्ञान दो तरह का है। एक ज्ञान तो केवल साहित्यिक है। यह उपदेश के रूप में है जो सफलता हेतू दर्शन ज्ञान प्रदान करता है। सफलता की इच्छा रखने वाले के लिये ये ज्ञान काम का है।

लेकिन सफलता के लिये केवल साहित्यिक ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान की भी आवश्यकता है।

सफलता का ये व्यवहारिक ज्ञान आसानी से उपलब्ध नहीं है।

ये ज्ञान या तो किसी मेंटर से मिल सकता है या पूर्व में सफलता हासिल कर चुके किसी अनुभवी व्यक्ति से।

निश्चित ही सफलता का ये व्यवहारिक ज्ञान पुस्तकों में भी है, परन्तु ये किन पुस्तकों में हैं यह ज्ञान भी किसी मेंटर या अनुभवी व्यक्ति से ही मिल पायेगा।

अगर आप सफलता की तलाश में हैं और इसके लिये मेंटर या अनुभवी लोगों की मदद लेना चाहते हैं तो के डी परिवार में आपका स्वागत है।

के डी परिवार में बहुत से राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक और के डी परिवार से ज्ञान हासिल कर रहे अनुभवी सफल लोग आपका मार्गदर्शन करने के लिये प्रस्तुत हैं।

चाहे आप विद्यार्थी हों या शिक्षक, चाहे नौकरीपेशा हों या व्यवसायी, चाहे गृहणी हों या कामकाजी महिला, चाहे विवाहित हों या अविवाहित; के डी परिवार में आपको अपनी सफलता के लिये व्यवहारिक ज्ञान व मार्गदर्शन ज़रूर मिलेगा।

के डी परिवार से सम्पर्क करने के लिये अभी kdparivar@gmail.com पर अभी मेल भेजें।